हरियाणा में खरीफ 2024 के लिए प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना (PMFBY) किसानों को प्राकृतिक आपदाओं, कीट और रोगों से सुरक्षा प्रदान करने के लिए लागू की गई है। इस योजना का उद्देश्य किसानों को फसल हानि से बचाना और उन्हें वित्तीय स्थिरता प्रदान करना है। पंजीकरण की अंतिम तिथि 16 अगस्त 2024 है।
योजना की विशेषताएं
फसल कवरेज:- योजना के तहत खरीफ सीजन की सभी प्रमुख फसलों जैसे धान, मक्का, बाजरा, सोयाबीन, मूंगफली आदि शामिल हैं।
बीमा राशि:- बीमित राशि फसल की अनुमानित उपज और कीमत के आधार पर निर्धारित की जाती है।
फसल प्रीमियम दर खरीफ फसलों के लिए:- किसानों को कुल बीमा राशि का मात्र 2% का भुगतान करना होता है।
दावा प्रक्रिया:- फसल हानि की स्थिति में किसान अपने बीमा क्लेम के लिए निर्धारित प्रक्रिया के तहत आवेदन कर सकते हैं।
फसल बीमा योजना पंजीकरण केंद्र:- किसान अपने नजदीकी बैंक शाखा, कृषि कार्यालय, कॉमन सर्विस सेंटर (CSC), या अधिकृत बीमा एजेंट के माध्यम से पंजीकरण कर सकते हैं।
ऑनलाइन पंजीकरण के लिए सरकारी पोर्टल का भी उपयोग किया जा सकता है।
सूचना देना:- फसल हानि की स्थिति में किसान को 72 घंटे के भीतर बीमा कंपनी, बैंक, कृषि विभाग या ग्राम पंचायत को सूचना देनी होती है। यह सूचना फोन, मोबाइल ऐप, या व्यक्तिगत रूप से दी जा सकती है। किसानों को सलाह दी जाती है कि वे सभी आवश्यक दस्तावेज़ तैयार रखें और समय पर सूचना दें ताकि दावा प्रक्रिया में किसी प्रकार की देरी न हो
दावा पंजीकरण:- बीमा कंपनी या संबंधित अधिकारियों द्वारा किसान के दावे का पंजीकरण किया जाता है।सर्वेक्षण:- फसल हानि की पुष्टि के लिए बीमा कंपनी और कृषि विभाग द्वारा संयुक्त सर्वेक्षण किया जाता है। सर्वेक्षण में फसल हानि का आकलन किया जाता है और रिपोर्ट तैयार की जाती है।
दावा निपटान:- सर्वेक्षण रिपोर्ट के आधार पर बीमा राशि का निर्धारण होता है और सर्वेक्षण रिपोर्ट के आधार पर बीमा राशि का निर्धारण होता है और किसान के बैंक खाते में सीधी जमा की जाती है।
बीमा राशि मिलने का समय:-बीमा दावा पंजीकरण और सर्वेक्षण के बाद, बीमा राशि आमतौर पर 2-3 सप्ताह के भीतर किसान के बैंक खाते में जमा कर दी जाती है। हालांकि, यह समय अवधि कुछ मामलों में अधिक हो सकती है, खासकर यदि सर्वेक्षण और दावे की जांच में अधिक समय लगता है।
प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के लाभ:-
वित्तीय सुरक्षा:- प्राकृतिक आपदाओं से फसल हानि की स्थिति में किसानों को वित्तीय सहायता प्रदान की जाती है।
आर्थिक स्थिरता:- फसल हानि के बावजूद किसान की आय में स्थिरता बनी रहती है, जिससे कृषि में जोखिम कम होता है।
कर्ज में कमी:- फसल हानि के कारण होने वाले कर्ज से बचाव होता है, जिससे ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूती मिलती है।
अधिक जानकारी:- किसानों को सलाह दी जाती है कि वे समय-समय पर कृषि विभाग की वेबसाइट या नजदीकी कृषि कार्यालय से योजना की अद्यतन जानकारी प्राप्त करते रहें।
पंजीकरण की अंतिम तिथि:-
खरीफ सीजन के लिए पंजीकरण की अंतिम तिथि 16 अगस्त 2024 है।
आवश्यक दस्तावेज
1) जमीन की फर्द
2) बैंक की कॉपी
3) फसल बुवाई प्रमाण पत्र
4) मेरी फसल मेरा ब्यौरा
5) आधार कार्ड
अबकी बार प्रीमियम इस प्रकार से है
1) कपास 2071 प्रति किला
2) मूंग 364 प्रति किला
3) मक्का 416 प्रति किला
4) धान 810 प्रति किला
5) बाजरा 391 प्रति किला
बीमा राशि का निर्धारण:-
फसल की अनुमानित उपज:-
हर राज्य में कृषि विभाग द्वारा फसल की अनुमानित उपज का निर्धारण किया जाता है। यह अनुमान पिछले वर्षों की औसत उपज और अन्य कृषि आंकड़ों के आधार पर होता है।
बीमा कवरेज का स्तर:-
बीमा कवरेज का स्तर फसल की संभावित उपज और उसके बाजार मूल्य पर निर्भर करता है। यह कवरेज स्तर अलग-अलग फसलों और क्षेत्रों के लिए भिन्न हो सकता है।
दावा जमा करना:-
फसल हानि की स्थिति में किसान बीमा कंपनी या संबंधित कृषि विभाग को सूचना देते हैं और दावा जमा करते हैं। यह सूचना फसल हानि के 72 घंटों के भीतर दी जानी चाहिए।
इस प्रकार, प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के तहत किसानों को उनकी फसल हानि की भरपाई के लिए पर्याप्त बीमा कवरेज मिलता है, जिससे उनकी वित्तीय स्थिरता और कृषि में जोखिम कम होता है। प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना (PMFBY) के तहत किसानों को फसल बीमा के लिए एक निश्चित प्रीमियम भुगतान करना होता है, जो कि बीमा राशि का एक निर्धारित प्रतिशत होता है। हरियाणा में खरीफ 2024 के लिए प्रीमियम दर और बीमा राशि निम्नलिखित है:
प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना बीमा कवरेज उदाहरण:-
यदि किसी किसान ने 1 हेक्टेयर भूमि पर धान की खेती की है और अनुमानित उपज 20 क्विंटल प्रति हेक्टेयर है, तो बीमा कवरेज निम्नलिखित प्रकार से हो सकता है:
बाजार मूल्य:- मान लें धान का बाजार मूल्य ₹2000 प्रति क्विंटल है।
कुल बीमा राशि:- 20 क्विंटल × ₹2000 = ₹40,000
किसान द्वारा भुगतान किया जाने वाला प्रीमियम*: कुल बीमा राशि का 2% = ₹800
बीमा राशि का भुगतान:-प्राकृतिक आपदाओं, कीट या बीमारियों से फसल हानि होने पर सर्वेक्षण के बाद किसान को बीमा राशि का भुगतान किया जाता है।
भुगतान सीधे किसान के बैंक खाते में ट्रांसफर किया जाता है।
न्यूनतम प्रीमियम:-
हरियाणा में प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के तहत न्यूनतम प्रीमियम दर खरीफ फसलों के लिए 2% है। इसका मतलब यह है कि किसानों को अपनी फसल का बीमा करने के लिए बीमा राशि का 2% भुगतान करना होगा।
उदाहरण के लिए, अगर किसी किसान की फसल की बीमा राशि ₹20,000 है, तो किसान को प्रीमियम के रूप में ₹400 (2% × ₹20,000) का भुगतान करना होगा।
इस प्रकार, हरियाणा में प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के तहत किसानों को उनकी फसल के बीमा के लिए बहुत ही कम प्रीमियम दर पर व्यापक कवरेज प्रदान किया जाता है। जिससे उनकी फसल की सुरक्षा सुनिश्चित होती है।
ध्यान देने योग्य बातें:-
सुनिश्चित करें कि सभी दस्तावेज़ सही और पूर्ण हों।
फसल हानि की स्थिति में समय पर सूचना देना महत्वपूर्ण है।
स्थानीय कृषि विभाग या बीमा एजेंट से संपर्क में रहें ताकि दावा प्रक्रिया में कोई समस्या न हो।
इस प्रकार, प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के तहत फसल हानि की स्थिति में किसानों को त्वरित और प्रभावी रूप से बीमा राशि प्रदान की जाती है, जिससे उनकी वित्तीय स्थिरता बनी रहती है। प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना (PMFBY) के तहत, फसल खराब होने की स्थिति में किसानों को निम्नलिखित स्थानों पर सूचना देनी होती है:-
बीमा कंपनी:- बीमा कंपनी के स्थानीय कार्यालय में जाकर या उनके हेल्पलाइन नंबर पर कॉल करके सूचना दी जा सकती है।
बैंक शाखा:- जिस बैंक शाखा के माध्यम से बीमा करवाया गया है, वहां जाकर सूचना दी जा सकती है।
कृषि विभाग:- संबंधित राज्य के कृषि विभाग के स्थानीय कार्यालय में जाकर फसल हानि की सूचना दी जा सकती है।
ग्राम पंचायत:- अपने गाँव की ग्राम पंचायत में फसल हानि की सूचना दी जा सकती है।
मोबाइल ऐप:- कई राज्यों में फसल हानि की सूचना देने के लिए विशेष मोबाइल ऐप भी उपलब्ध हैं, जिनके माध्यम से किसान ऑनलाइन सूचना दे सकते हैं।
सूचना देने के लिए आवश्यक जानकारी:-
किसान का नाम और पहचान पत्र संख्या (जैसे आधार कार्ड)
बीमा पॉलिसी नंबर
बैंक खाता विवरण
फसल का विवरण (जैसे फसल का नाम, क्षेत्रफल)
फसल हानि का कारण (जैसे बाढ़, सूखा, कीट आदि)
क्षति का अनुमानित प्रतिशत
फसल हानि की सूचना देने के बाद, किसान को बीमा कंपनी या संबंधित अधिकारियों द्वारा दिए गए निर्देशों का पालन करना चाहिए।
सर्वेक्षण टीम के आने पर उनकी सहायता करें और सही जानकारी प्रदान करें।
इस प्रकार, फसल हानि की स्थिति में किसानों को जल्द से जल्द सूचना देने की सलाह दी जाती है ताकि उनका दावा समय पर निपटाया जा सके और उन्हें बीमा राशि मिल सके। प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना (PMFBY) के तहत फसल बीमा के लिए आवेदन करने की प्रक्रिया निम्नलिखित है:-
प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना आवेदन की प्रक्रिया:-
प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना आवेदन केंद्र:- किसान अपने नजदीकी बैंक शाखा, कॉमन सर्विस सेंटर (CSC), कृषि कार्यालय, या अधिकृत बीमा एजेंट के माध्यम से आवेदन कर सकते हैं।
ऑनलाइन आवेदन:-
किसान ऑनलाइन पोर्टल या मोबाइल ऐप के माध्यम से भी आवेदन कर सकते हैं। इसके लिए संबंधित राज्य सरकार के कृषि विभाग की वेबसाइट पर लॉगिन करें।
आवश्यक दस्तावेज़:-
1) जमीन की फर्द
2) बैंक की कॉपी
3) फसल बुवाई प्रमाण पत्र
4) मेरी फसल मेरा ब्यौरा
5) आधार कार्ड
आवेदन की प्रक्रिया:-
फॉर्म प्राप्त करें: – बैंक शाखा, CSC, कृषि कार्यालय या बीमा एजेंट से आवेदन फॉर्म प्राप्त करें। ऑनलाइन पोर्टल पर फॉर्म डाउनलोड करें या सीधे ऑनलाइन भरें।
फॉर्म भरें:- आवेदन फॉर्म में सभी आवश्यक विवरण भरें, जैसे किसान का नाम, पता, पहचान पत्र संख्या, भूमि का विवरण, फसल का विवरण, बैंक खाता विवरण आदि।
जमा करें:- भरे हुए फॉर्म और दस्तावेज़ संबंधित बैंक शाखा, CSC, कृषि कार्यालय, या बीमा एजेंट के पास जमा करें। ऑनलाइन आवेदन करने पर दस्तावेज़ों को स्कैन कर अपलोड करें।
प्रीमियम का भुगतान करें:- बीमा प्रीमियम का भुगतान करें, जो कि कुल बीमा राशि का 2% (खरीफ फसलों के लिए) होता है।
प्राप्ति रसीद लें:- फॉर्म और दस्तावेज़ जमा करने के बाद प्राप्ति रसीद लेना न भूलें। ऑनलाइन आवेदन के लिए प्राप्ति की पुष्टि स्क्रीन पर मिलेगी।
आवेदन की समय सीमा:- खरीफ फसलों के लिए आमतौर पर आवेदन की अंतिम तिथि 31 जुलाई होती है, लेकिन यह तिथि राज्य सरकार द्वारा बढ़ाई भी जा सकती है।
महत्वपूर्ण लिंक:-👇
Farmer Enrollment Apply Online👉 Apply Now
Official Website👉 Click Here
किसान कॉर्नर 👉 Click Here
Notice & Tender👉 Click Here
Crop Loss Intimation 👉Farmer Login
व्हाट्सएप ग्रुप👉Click Here
कुल 24 फसलें न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) पर खरीदेगी हरियाणा सरकार
पहले हरियाणा में न्यूनतम समर्थन मूल्य पर 14 फसलों पर खरीद का था प्रावधान