Desi Cow Rearing Scheme for Conservation and Development of Indigenous Cattle and Murrah Development-Online Application Started

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Haryana Government launched Desi Cow Rearing Scheme for Conservation and Development of Indigenous Cattle and Murrah Development

Desi Cow Rearing Scheme for Conservation and Development of Indigenous Cattle and Murrah Development: हरियाणा में डेयरी फार्मिंग को बढ़ावा देने और किसानों को सहायता प्रदान करने के प्रयास में, राज्य सरकार ने अधिक दूध देने वाले दुधारू पशुओं के मालिकों को प्रोत्साहन प्रदान करने के लिए एक ऑनलाइन आवेदन शुरू किया है। इस पहल का उद्देश्य दूध उत्पादन बढ़ाने में किसानों के प्रयासों को मान्यता देना और उन्हें पुरस्कृत करना है, जो राज्य की कृषि अर्थव्यवस्था का एक महत्वपूर्ण घटक है। अधिक दूध देने वाली गायों और भैंसों के लिए 15,000 रुपये से लेकर 30,000 रुपये तक के इनाम के साथ, इस योजना से किसानों को बेहतर पशुपालन पद्धतियों को अपनाने और दूध उत्पादकता में सुधार करने के लिए प्रेरित होने की उम्मीद है।

Desi Cow Rearing Scheme

हरियाणा में दुधारू पशुओं को बढ़ावा: अधिक दूध देने वाली गायों और भैंसों को प्रोत्साहन हरियाणा सरकार की तरफ़ से देशी गाय पालने पर मिल रहे है 30,000 (तीस हज़ार) यह लेख कार्यक्रम की विशिष्टताओं, लक्ष्यों और हरियाणा के डेयरी उद्योग पर इसके संभावित प्रभावों का विवरण देता है।

Overview of the Desi Cow Rearing Scheme Yojana 

हरियाणा सरकार ने Desi Cow Rearing Scheme को बढ़ावा देने के उद्देश्य से एक पहल शुरू की है, जिसमें इन गायों को पालने का फैसला करने वाले किसान भाइयों को 30,000 रुपये का प्रोत्साहन दिया जाएगा। यह योजना देशी नस्लों के रख-रखाव और पालन-पोषण का समर्थन करके टिकाऊ डेयरी फार्मिंग प्रथाओं को प्रोत्साहित करने के लिए बनाई गई है

Desi Cow Rearing Scheme: यह प्रोत्साहन उन किसान भाइयों (खेती में शामिल भाई-बहन) को लक्षित करता है जो हरियाणा, साहीवाल और गिर गायों जैसी देशी नस्लों पर ध्यान केंद्रित करना चाहते हैं। यह कार्यक्रम हरियाणा में डेयरी क्षेत्र को बढ़ाने का प्रयास करता है, जो पहले से ही भारत में शीर्ष दूध उत्पादक राज्यों में से एक है, स्वदेशी नस्लों को अपनाने और उद्योग की समग्र स्थिरता में सुधार करके।

Name of the Department Animal Husbandry and Dairy Department
Name of the scheme Incentive scheme on dairy animals
Eligible States Haryana 
Application Process Online
Category Name Haryana Government Scheme
official website pashudhanharyana.gov.in

Objectives of the Desi Cow Rearing Scheme

Desi Cow Rearing Scheme को प्रोत्साहित करने की सरकार की पहल हरियाणा में स्थायी कृषि पद्धतियों को बढ़ावा देने और डेयरी किसानों का समर्थन करने के व्यापक प्रयास का हिस्सा है। योजना के विशिष्ट उद्देश्यों में शामिल हैं:

  • स्वदेशी गायों को बढ़ावा देना: हरियाणा, साहीवाल और गिर गायों जैसी देशी नस्लें अपनी उत्कृष्ट दूध की गुणवत्ता और स्थानीय पर्यावरणीय परिस्थितियों में पनपने की क्षमता के लिए जानी जाती हैं। यह योजना किसानों को इन नस्लों पर ध्यान केंद्रित करने के लिए प्रोत्साहित करती है।
  • स्थायित्व और लचीलापन: देशी गायें स्थानीय बीमारियों और जलवायु परिस्थितियों के प्रति अधिक लचीली होती हैं, जो उन्हें स्थायी डेयरी खेती के लिए एक आदर्श विकल्प बनाती हैं। उनके पालन को बढ़ावा देकर, सरकार डेयरी क्षेत्र में दीर्घकालिक स्थिरता सुनिश्चित करने की उम्मीद करती है।
  • डेयरी उत्पादन में वृद्धि: देशी गायों के पालन को प्रोत्साहित करके, सरकार का लक्ष्य राज्य के भीतर दूध उत्पादन को बढ़ाना है, जो पहले से ही भारत के अग्रणी दूध उत्पादकों में से एक है।
  • किसान भाइयों के लिए सहायता: यह प्रोत्साहन विशेष रूप से किसान भाइयों (खेती में शामिल भाई-बहन) को लक्षित करेगा, तथा उन्हें देशी गायों के साथ अपने डेयरी संचालन को शुरू करने या विस्तार करने के लिए वित्तीय सहायता प्रदान करेगा।
Desi Cow Rearing Scheme
Pic Credit-pashudhanharyana.gov.in

Objectives of the Incentive Scheme

हरियाणा लंबे समय से भारत में अग्रणी दूध उत्पादक राज्यों में से एक रहा है, जहाँ डेयरी फार्मिंग की मजबूत परंपरा है। नई योजना का उद्देश्य उच्च उपज देने वाली गायों और भैंसों के प्रजनन को बढ़ावा देकर इस स्थिति को और मजबूत करना है। योजना के मुख्य उद्देश्यों में शामिल हैं:

  • दूध उत्पादन में वृद्धि: अधिक दूध उत्पादन वाली गायों और भैंसों के मालिकों को प्रोत्साहित करके, सरकार का लक्ष्य राज्य में कुल दूध उत्पादन में वृद्धि करना है। इससे दूध और डेयरी उत्पादों की बढ़ती माँग को पूरा करने में मदद मिलेगी।
  • बेहतर पशुपालन प्रथाएँ: पुरस्कार प्रणाली किसानों को पशुओं की देखभाल, प्रजनन और आहार में बेहतर प्रथाओं को अपनाने के लिए प्रोत्साहित करने के लिए डिज़ाइन की गई है। उच्च गुणवत्ता वाला चारा, उचित स्वास्थ्य सेवा और प्रभावी प्रजनन तकनीक बेहतर दूध उत्पादन और स्वस्थ पशुओं को जन्म देगी।
  • किसानों को सशक्त बनाना: योजना द्वारा प्रदान किए जाने वाले वित्तीय पुरस्कार किसानों को अतिरिक्त आय प्रदान करेंगे, जिससे उनके जीवन स्तर में सुधार होगा। यह योजना किसानों को उन्नत डेयरी फार्मिंग तकनीकों में निवेश करने के लिए भी प्रेरित करेगी।
  • डेयरी फार्मिंग में स्थिरता: उच्च उपज देने वाले दुधारू पशुओं के उपयोग को बढ़ावा देकर, इस योजना का उद्देश्य दूध उत्पादन की दक्षता में सुधार करना है, जिससे हरियाणा में डेयरी उद्योग की स्थिरता में योगदान मिलेगा। इससे कम कुशल पशुओं पर निर्भरता कम होगी, जिन्हें समान मात्रा में दूध उत्पादन के लिए अधिक संसाधनों की आवश्यकता होती है।

Desi Cow Rearing Scheme Important Dates

  • ऑनलाइन आवेदन करने की प्रारंभिक तिथि: 01/02/2025
  • ऑनलाइन आवेदन करने की अंतिम तिथि: निर्धारित नहीं

Desi Cow Rearing Scheme Eligibility Criteria

यह सुनिश्चित करने के लिए कि प्रोत्साहन केवल उन्हीं किसानों तक पहुंचे जिनके पास सत्यापित उच्च-उत्पादक पशु हैं, हरियाणा सरकार ने विशिष्ट पात्रता मानदंड निर्धारित किए हैं। इनमें शामिल हैं:

  • आवेदक की आयु 18 से 55 वर्ष के बीच होनी चाहिए।
  • आवेदक हरियाणा का निवासी होना चाहिए।
  • बीमा और टैग नंबर की आवश्यकता: केवल वे किसान ही प्रोत्साहन के लिए आवेदन कर सकते हैं जिनकी गाय या भैंस का बीमा है और उन्हें टैग नंबर मिला है। टैग नंबर प्रत्येक पशु के लिए एक विशिष्ट पहचान के रूप में कार्य करता है, और बीमा यह सुनिश्चित करता है कि पशु स्वास्थ्य संबंधी मुद्दों के लिए कवर किए गए हैं, जो पशु के कल्याण को बनाए रखने के लिए किसान की प्रतिबद्धता को दर्शाता है।
  • पंजीकरण हेतु पात्र गाय या भैंस की आयु आवेदन की तिथि को बछड़े के जन्म की तिथि से 05 से 75 दिन के मध्य होनी चाहिए।
  • गायें केवल हरियाणा, साहीवाल या बेलाही नस्ल की होनी चाहिए तथा भैंसें केवल मुर्रा नस्ल की होनी चाहिए।
  • हरियाणा में डेयरी किसान: यह योजना विशेष रूप से हरियाणा में रहने वाले किसानों के लिए है, और आवेदकों को राज्य के भीतर पशुओं के निवास और स्वामित्व का प्रमाण देना होगा।
  • इस योजना के अन्तर्गत प्रति आवेदक/लाभार्थी अधिकतम दो दुधारू पशु (दो गाय या दो भैंस या एक गाय व एक भैंस) प्रोत्साहन राशि के लिए पात्र होंगे।
  • उच्च दूध उत्पादन मानदंड: पुरस्कार के लिए अर्हता प्राप्त करने के लिए, गायों को प्रतिदिन 10 लीटर से अधिक दूध देना चाहिए, और भैंसों को प्रतिदिन 12 लीटर से अधिक दूध देना चाहिए। पात्रता के लिए सटीक सीमा आधिकारिक पोर्टल के माध्यम से बताई जाएगी।
  • सत्यापित पशु स्वास्थ्य और कल्याण: केवल वे गाय और भैंसें जो अच्छे स्वास्थ्य में हैं और निर्धारित कल्याण मानकों को पूरा करती हैं, पुरस्कार के लिए पात्र होंगी। पशु चिकित्सा सत्यापन की आवश्यकता हो सकती है।
  • ऑनलाइन आवेदन: किसानों को आधिकारिक सरकारी पोर्टल के माध्यम से ऑनलाइन आवेदन पत्र भरना होगा, जिसमें पशु की टैग संख्या, दूध उत्पादन रिकॉर्ड और बीमा स्थिति जैसे प्रासंगिक विवरण प्रदान करने होंगे।

Application Fees

  • SC, ST, PwD: Rs. 0/-
  • Gen, OBC, EWS: Rs. 0/-

Documents Required for Application

देशी गाय पालने के लिए 30,000 रुपये की प्रोत्साहन राशि के लिए आवेदन करने के लिए, किसान भाइयों को निम्नलिखित दस्तावेज जमा करने होंगे:

  • पहचान का प्रमाण: आवेदक की पहचान सत्यापित करने के लिए सरकार द्वारा जारी पहचान पत्र, जैसे कि आधार कार्ड या मतदाता पहचान पत्र।
  • परिवार पहचान पत्र (पीपीपी आईडी)
  • आधार कार्ड
  • पैन कार्ड
  • आवेदक की फोटो
  • निवास का प्रमाण: राशन कार्ड, बिजली बिल या अन्य सरकारी रिकॉर्ड जैसे दस्तावेज यह पुष्टि करने के लिए कि किसान भाई हरियाणा में रहते हैं।
  • डेयरी फार्मिंग गतिविधि का प्रमाण: दस्तावेज जो यह साबित करते हैं कि आवेदक डेयरी फार्मिंग में सक्रिय रूप से शामिल है। इसमें डेयरी सहकारी समिति के रिकॉर्ड, दूध उत्पादन लॉग या फार्म संचालन प्रमाण पत्र शामिल हो सकते हैं।
  • देशी गायों के लिए स्वामित्व प्रमाण: इस बात का प्रमाण कि किसान भाई देशी गायों के मालिक हैं। इसमें खरीद रसीदें, पशु पंजीकरण दस्तावेज या गायों के लिए पशु चिकित्सा प्रमाण पत्र शामिल हो सकते हैं।
  • बैंक खाता विवरण: प्रोत्साहन के सीधे हस्तांतरण की सुविधा के लिए, आवेदकों को बैंक का नाम, खाता संख्या और IFSC कोड सहित अपने बैंक खाते का विवरण प्रदान करना होगा।
  • बैंक खाते की कॉपी
  • फार्म/पशु पंजीकरण: यदि उपलब्ध हो, तो हरियाणा पशुपालन विभाग या किसी संबंधित स्थानीय प्राधिकरण के साथ फार्म या पशु पंजीकरण का प्रमाण।
  • गाय या भैंस का इंश्योरेंस टैग नंबर
  • शपथ पत्र/घोषणा: एक हस्ताक्षरित शपथ पत्र या घोषणा जिसमें देशी गायों को पालने के इरादे और योजना के तहत आवश्यक स्थायी प्रथाओं के प्रति किसान भाइयों की प्रतिबद्धता की पुष्टि की गई हो।

Incentive Details

हरियाणा सरकार ने निर्दिष्ट किया है कि जिन किसानों के पास कुछ निश्चित दूध उत्पादन मानदंड पूरे करने वाली गाय या भैंस हैं, वे पुरस्कार के पात्र होंगे। प्रदान की जाने वाली प्रोत्साहन राशि पशु के दूध उत्पादन के स्तर के आधार पर अलग-अलग होगी। पुरस्कार प्रणाली इस प्रकार संरचित है:

  • उच्च दूध उत्पादन वाली गाय और भैंस: एक निर्दिष्ट सीमा से अधिक दूध देने वाले पशु पुरस्कार के पात्र होंगे। उदाहरण के लिए, प्रतिदिन 10 लीटर से अधिक दूध देने वाली गाय या प्रतिदिन 12 लीटर से अधिक दूध देने वाली भैंस प्रोत्साहन के लिए पात्र हो सकती हैं।
  • मौद्रिक पुरस्कार: पशु के प्रतिदिन दूध उत्पादन के आधार पर पुरस्कार 15,000 रुपये से 30,000 रुपये तक होंगे। अधिक दूध देने वाले पशुओं को अधिक इनाम मिलेगा। उदाहरण के लिए, प्रतिदिन 15 से 20 लीटर दूध देने वाले पशुओं को 30,000 रुपये के उच्च इनाम की श्रेणी में रखा गया है, जबकि 10 से 15 लीटर दूध देने वाले पशुओं को 15,000 रुपये मिलेंगे।
Desi Cow Rearing Scheme
Pic Credit-pashudhanharyana.gov.in

साहीवाल नस्ल गाय

Serial No. Maximum yield slabs in kilograms Incentive Amount (₹)
1 10 से 12 किलोग्राम ₹15,000/-Rs.
2 >12 से 15 किग्रा ₹205,000/-Rs.
3 15 किलोग्राम से ऊपर ₹25,000/-Rs.

हरियाणवी गाय

Serial No. Maximum yield slabs in kilograms Incentive Amount (₹)
1 8 से 10 किग्रा ₹15,000/-Rs.
2 >10 से 12 किग्रा ₹20,000/-Rs.
3 12 किलोग्राम से ऊपर ₹25,000/-Rs.

बेलाही नस्ल गाय

Serial No. Maximum yield slabs in kilograms Incentive Amount (₹)
1 5 से 8 किलोग्राम ₹5,000/-Rs.
2 >8 से 10 किग्रा ₹10,000/-Rs.
3 10 किलोग्राम से ऊपर ₹15,000/-Rs.

मुर्रा नस्ल भैंस

Serial No. Lactation yield slabs in kilograms
(maximum yield in kilograms)
Incentive Amount (₹)
1 18 से 22 किलोग्राम ₹20,000/-Rs.
2 >22 से 25 किग्रा ₹30,000/-Rs.
3 25 किलोग्राम से ऊपर ₹40,000/-Rs.

Impact on dairy farming in Haryana

इस प्रोत्साहन योजना की शुरूआत से हरियाणा में डेयरी फार्मिंग उद्योग पर महत्वपूर्ण सकारात्मक प्रभाव पड़ने की उम्मीद है:

  • दूध उत्पादन में वृद्धि: इस योजना के परिणामस्वरूप कुल दूध उत्पादन में वृद्धि होगी, जिससे दूध और डेयरी उत्पादों की स्थानीय और राष्ट्रीय दोनों मांगों को पूरा करने के लिए एक स्थिर आपूर्ति सुनिश्चित होगी।
  • पशु देखभाल में सुधार: किसानों को अपने पशुओं को बेहतर देखभाल और पोषण प्रदान करने के लिए प्रेरित किया जाएगा, जिससे स्वस्थ और अधिक उत्पादक गाय और भैंस पैदा होंगी।
  • किसानों के लिए वित्तीय लाभ: वित्तीय पुरस्कार किसानों को अतिरिक्त आय प्रदान करेंगे, जिससे उन्हें अपने खेतों में फिर से निवेश करने और अपने डेयरी फार्मिंग बुनियादी ढांचे में सुधार करने में मदद मिलेगी।
  • स्थायित्व: उच्च उपज वाले पशुओं पर ध्यान केंद्रित करने से उत्पादन दक्षता में सुधार और दूध उत्पादन के पर्यावरणीय प्रभाव को कम करके एक अधिक टिकाऊ डेयरी उद्योग को बढ़ावा मिलेगा।
  • बीमा में निवेश को प्रोत्साहित करना: पात्रता के लिए बीमा को एक आवश्यकता बनाकर, सरकार पशुओं का बीमा करने की प्रथा को बढ़ावा दे रही है, जो किसानों को पशुधन खेती से जुड़े जोखिमों का प्रबंधन करने में मदद कर सकती है।
Desi Cow Rearing Scheme
Pic Credit-saralharyana.gov.in

How to Apply for Desi Cow Rearing Scheme

प्रोत्साहन के लिए आवेदन करने की प्रक्रिया सरल बनाई गई है, जिसमें आवेदन जमा करने के लिए उपयोगकर्ता के अनुकूल ऑनलाइन प्लेटफ़ॉर्म है। प्रोत्साहन के लिए आवेदन करने में शामिल चरण इस प्रकार हैं:

  • खाता बनाएँ: किसानों को सबसे पहले डेयरी प्रोत्साहन योजना के लिए आधिकारिक हरियाणा सरकार के पोर्टल पर एक खाता बनाना होगा। इसमें बुनियादी व्यक्तिगत विवरण प्रदान करना और किसान की पहचान सत्यापित करना शामिल होगा।
  • दुधारू पशुओं का पंजीकरण: किसानों को अपनी गायों या भैंसों को सरकार के साथ पंजीकृत करना होगा। इस पंजीकरण में पशुओं की नस्ल, आयु, स्वास्थ्य स्थिति और दूध उत्पादन क्षमता के बारे में विवरण शामिल होंगे।
  • दूध उत्पादन डेटा जमा करें: किसानों को अपने पशुओं के लिए दूध उत्पादन डेटा जमा करना होगा। इस डेटा को पशु चिकित्सा अधिकारियों द्वारा जारी किए गए दूध उत्पादन रिकॉर्ड और प्रमाण पत्र के माध्यम से सत्यापित किया जा सकता है।
  • दस्तावेज: ऑनलाइन आवेदन के साथ, किसानों को पशुओं के स्वामित्व का प्रमाण, भूमि के दस्तावेज और हरियाणा में निवास का प्रमाण जैसे विभिन्न दस्तावेज अपलोड करने होंगे।
  • सत्यापन: आवेदन जमा होने के बाद, इसे संबंधित अधिकारियों द्वारा सत्यापित किया जाएगा। पशु चिकित्सा निरीक्षक पशुओं के स्वास्थ्य और दूध उत्पादन को सत्यापित करने के लिए खेत का दौरा कर सकते हैं।
  • पुरस्कार वितरण: आवेदन स्वीकृत होने के बाद, किसानों को सीधे उनके बैंक खातों में पुरस्कार प्राप्त होगा। प्रोत्साहन का भुगतान सत्यापित दूध उत्पादन और सरकार द्वारा निर्धारित मानदंडों के आधार पर किया जाएगा।

Impact of the scheme on dairy farming

इस प्रोत्साहन योजना का हरियाणा में डेयरी फार्मिंग पर महत्वपूर्ण प्रभाव पड़ने की उम्मीद है। कुछ संभावित परिणामों में शामिल हैं:

  • दूध उत्पादन में वृद्धि: उच्च दूध उत्पादन को प्रोत्साहित करके, राज्य में कुल दूध उत्पादन में वृद्धि देखने को मिल सकती है। इससे घरेलू खपत और डेयरी उद्योग दोनों की मांगों को पूरा करने में मदद मिलेगी।
  • बेहतर पशु देखभाल और प्रजनन: चूंकि किसानों को दूध उत्पादन के आधार पर पुरस्कार मिलते हैं, इसलिए वे बेहतर पशु देखभाल, बेहतर प्रजनन प्रथाओं और अनुकूलित आहार रणनीतियों पर ध्यान केंद्रित करने के लिए प्रेरित होंगे।
  • डेयरी उद्योग को बढ़ावा: उच्च दूध उत्पादन के साथ, हरियाणा में डेयरी उद्योग के फलने-फूलने की उम्मीद है। इससे न केवल किसानों को लाभ होगा, बल्कि दूध प्रसंस्करण कंपनियों, डेयरी उत्पाद निर्माताओं और दूध व्यापारियों के लिए अवसर भी पैदा होंगे।
  • किसानों की आय में वृद्धि: पुरस्कार प्रणाली से उत्पन्न अतिरिक्त आय किसानों को वित्तीय स्थिरता प्रदान करेगी, उनके जीवन की गुणवत्ता में सुधार करेगी और उन्हें अपनी खेती की प्रथाओं में फिर से निवेश करने के लिए प्रोत्साहित करेगी।
  • डेयरी फार्मिंग की स्थिरता: उच्च उपज देने वाले पशुओं पर ध्यान केंद्रित करके, यह योजना डेयरी फार्मिंग को अधिक टिकाऊ बनाने में मदद करेगी। कुशल दूध उत्पादन उद्योग के पर्यावरणीय पदचिह्न को कम करेगा, यह सुनिश्चित करेगा कि भूमि, पानी और चारा जैसे संसाधनों का अधिक प्रभावी ढंग से उपयोग किया जाए।

conclusion

हरियाणा सरकार ने डेयरी किसानों की सहायता करने और राज्य में दूध उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए एक प्रगतिशील कदम उठाया है, जो उच्च उपज देने वाली डेयरी गायों के लिए नया पुरस्कार कार्यक्रम है। सरकार यह सुनिश्चित कर रही है कि कार्यक्रम पारदर्शी हो और केवल वे किसान ही इसका लाभ उठा सकें जो अपने पशुओं के स्वास्थ्य और कल्याण को बनाए रखने के लिए समर्पित हैं, पात्रता के लिए बीमा और टैग नंबर की आवश्यकता होती है।

यह कार्यक्रम किसानों को अपनी पशुपालन तकनीक को बेहतर बनाने में सक्षम बनाएगा, जिसके परिणामस्वरूप दूध उत्पादन में वृद्धि होगी और राजस्व की संभावनाएं बेहतर होंगी, जिसमें 15,000 रुपये से लेकर 30,000 रुपये तक के पुरस्कार शामिल होंगे। यह कार्यक्रम हरियाणा के डेयरी क्षेत्र का बहुत विस्तार कर सकता है क्योंकि यह घरेलू और विदेशी डेयरी बाजारों में अपनी प्रतिस्पर्धात्मकता को बढ़ाता है।

Desi Cow Rearing Scheme
Pic Credit-saralharyana.gov.in

Important Links

हरियाणा में गाय और भैंसों को बढ़ावा देने के लिए दुधारू पशुओं पर प्रोत्साहन के लिए आवेदन अब ऑनलाइन स्वीकार किए जा रहे हैं। आवेदन करने के लिए नीचे दिए गए लिंक पर क्लिक करें।

Desi Cow Rearing Scheme for Conservation and Development of Indigenous Cattle and Murrah Development के लिए सरल पोर्टल देखें।

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