No Objection Certificate डीटीसीपी हरियाणा ने 21 नियमित कॉलोनियों में पंजीकरण के लिए एनओसी अभियान शुरू किया किसी भी संपत्ति – प्लॉट या घर के पंजीकरण के लिए डीटीसीपी से एनओसी अनिवार्य है।
हरियाणा सरकार ने नियमित हुई अवैध कॉलोनियों के लिए एक ओर खुशखबरी दी है। टाउन एंड कंट्री विभाग की तरफ से इन नियमित हुई कॉलोनियों की रजिस्ट्री का प्रोसेस शुरू कर दिया गया है। इन रजिस्ट्री के लिए अब टाउन एंड कंट्री विभाग की तरफ से एनओसी जारी की जाएगी। इसके लिए ऑनलाइन आवेदन करना होगा और एनओसी भी ऑनलाइन ही मिलेगी।
हरियाणा के नगर एवं ग्राम नियोजन विभाग (डीटीसीपी) ने अक्टूबर 2023 में नियमित की जाने वाली 21 अवैध कॉलोनियों में भूखंडों या घरों के पंजीकरण के लिए अनापत्ति प्रमाण पत्र (एनओसी) प्रदान करना शुरू कर दिया है। 186 एकड़ भूमि में फैली ये कॉलोनियां हरियाणा राज्य के गांवों में स्थित हैं। जो गांवों कुरुक्षेत्र जिला के चम्मू कलां कालोनी, मानेसर के ग्वालियर, पटौदी के भौड़ाकलां, फर्रुखनगर के मुबारकपुर, महेन्द्रवाड़ा एवं घामड़ौज और में स्थित हैं डीटीसीपी हरियाणा ने 21 नियमित कॉलोनियों में संपत्ति पंजीकरण के लिए ऑनलाइन एनओसी अभियान शुरू किया।
नियमित हुई अवैध कॉलोनियों टाउन एंड कंट्री प्लानिंग विभाग अधिसूचना
हरियाणा सरकार ने नियमित हुई अवैध कॉलोनियों टाउन एंड कंट्री प्लानिंग विभाग की तरफ से चार अक्टूबर 2023 को 21 कालोनियों को वैध करने की अधिसूचना जारी की गई थी। जिसके तहत कुरुक्षेत्र जिला के चम्मू कलां कालोनी, गुरुग्राम, मानेसर, सोहना, पटौदी फर्रुखनगर के अलग-अलग गांव की करीब 186 एकड़ में ये कालोनियां है।
जिन नागरिकों के पास इन नियमित हुई अवैध कॉलोनियों में संपत्ति है और वे पंजीकरण कराना चाहते हैं, वे आधिकारिक वेबसाइट से एनओसी (No Objection Certificate) प्राप्त कर सकते हैं।
आवश्यक दस्तावेज (Required Documents):-
प्लॉट का स्वामित्व प्रमाण पत्र (Ownership Document):- जो यह साबित करता है कि आवेदनकर्ता संबंधित कॉलोनी या प्लॉट का मालिक है।
संस्थानिक नक्शा (Site Plan):- संबंधित क्षेत्र का पूर्ण नक्शा, जिसमें कॉलोनी के विभाजन और रोड नेटवर्क को स्पष्ट रूप से दर्शाया गया हो।
निर्माण अनुमोदन (Building Plan Approval):- यदि कॉलोनी में निर्माण हो चुका है, तो स्थानीय प्राधिकरण से अनुमोदित भवन योजना।
विकास शुल्क की रसीद (Development Charges Receipt):- किसी भी संबंधित शुल्क का भुगतान किया गया हो।
संपत्ति कर रसीद (Property Tax Receipt):- संबंधित प्राधिकरण से संपत्ति कर भुगतान की रसीद।
सड़क और जल निकासी प्रणाली का प्रमाण (Proof of Road and Drainage System):- कॉलोनी में सड़क और जल निकासी प्रणाली की उपस्थिति का प्रमाण।
पेयजल आपूर्ति का प्रमाण (Proof of Drinking Water Supply):- कॉलोनी में पानी की सप्लाई की व्यवस्था का प्रमाण।
फीस का भुगतान करें:-आवेदन के साथ निर्धारित शुल्क का भुगतान करें। भुगतान की रसीद प्राप्त करें और उसे आवेदन के साथ संलग्न करें।
आवेदन जमा करें:-भरा हुआ आवेदन पत्र और संलग्न दस्तावेज़ संबंधित नगर योजना विभाग या स्थानीय निकाय के कार्यालय में जमा करें।
सत्यापन और निरीक्षण:-आवेदन और दस्तावेज़ जमा करने के बाद, नगर योजना विभाग या स्थानीय निकाय के अधिकारी सत्यापन और निरीक्षण करेंगे।
यदि आपके द्वारा प्रस्तुत किए गए दस्तावेज़ और जानकारी सही पाई जाती है, तो एनओसी जारी की जाएगी।
समय सीमा:- एनओसी प्राप्त करने में सामान्यतः कुछ सप्ताह का समय लग सकता है। यह समय सीमा आपके आवेदन और दस्तावेज़ों की सत्यता पर निर्भर करती है।
नियमित हुई 21 नियमित हुई अवैध कॉलोनियों में अब करा सकेंगे रजिस्ट्री, ये होगा प्रोसेस टाउन एंड कंट्री विभाग की तरफ से जारी की जाएगी ऑनलाइन एनओसी, अक्टूबर 2023 में टाउन प्लानिंग विभाग ने 21 कॉलोनियों को किया था नियमित।
एनओसी मिलेगी ऑनलाइन
हरियाणा सरकार ने नियमित हुई अवैध कॉलोनियों के लिए एक ओर खुशखबरी दी है। टाउन एंड कंट्री विभाग की तरफ से इन नियमित हुई कॉलोनियों की रजिस्ट्री का प्रोसेस शुरू कर दिया गया है। इन रजिस्ट्री के लिए अब टाउन एंड कंट्री विभाग की तरफ से एनओसी जारी की जाएगी। इसके लिए ऑनलाइन आवेदन करना होगा और एनओसी भी ऑनलाइन ही मिलेगी।
अक्टूबर 2023 में 21 अवैध कालोनियों को अप्रूव करने के बाद अब टाउन एंड कंट्री प्लानिंग विभाग के हरियाणा सरकार के आदेश पर मुख्यालय की तरफ से इन काॅलोनियों में किसी भी प्लाट या मकान की रजिस्ट्री के लिए टाउन एंड कंट्री प्लानिंग के पोर्टल टीसीपी हरियाणा पर ऑनलाइन एनओसी देने का प्रावधान शुरू किया गया है। सबसे पहले इसके लिए प्लाट मालिक/आवेदक को पोर्टल पर अपना पंजीकरण करना होगा और इसके बाद पूरे कागजात व अन्य जानकारी पोर्टल पर अपलोड करनी होगी।
कुरुक्षेत्र जिला के चम्मू कलां कालोनी, मानेसर के ग्वालियर में एक कालोनी 6.05 एकड़ में, दूसरी 5.20 में, सिधरावली में 4.35 एकड़ में, बिलासपुर में 3.50, पटौदी के भौड़ाकलां में एक कॉलोनी 3.37 एकड़ में, दूसरी 3.76, तीसरी 28.81, चौथी 3.85, पांचवी 35.77, छठीं 25.68 एकड़ में, जटौला में 4.80, सांपका में 4.31, फर्रुखनगर के मुबारकपुर में पहली कालोनी 4.75 एकड़ में, दूसरी 2.74, तीसरी 5.23, ताज नगर में 11.84 एकड़ में, सोहना के दौहला में 6.0 एकड़ में, सिलानी में 12.50 एकड़ में, महेन्द्रवाड़ा एवं घामड़ौज में 2.80, सहजावास में 19.96, सकतपुर में 2.20 एकड़ समेत करीब 186 एकड़ मेें 21 काॅलोनियों को स्वीकृत किया गया ।
डीटीपी अधिकारी ने बताया कि टाउन एंड कंट्री प्लानिंग के पोर्टल पर सबसे पहले अपना अकाउंट बना पंजीकरण करना होगा। इसके बाद एनओसी वैध कालोनी के ऑप्शन पर जाकर एनओसी के आवेदन फॉर्म को भरना होगा। इसमें आवेदक की बेसिक जानकारी, जमीन की पूरी जानकारी जिसके लिए एनओसी चाहिए, जमीन के एकाधिक किला नंबरों की जानकारी, प्लॉट की जानकारी, खरीददार का ब्यौरा, बेचने वाले का ब्यौरा, जमीन तथा प्लाट से संबंधित दस्तावेज एवं कागजात पोर्टल पर अपलोड करने होंगे और इसके बाद आवेदन को फाइनल जमा करना होगा। इसके जमा होने के बाद पुष्टि के लिए एनओसी का आवेदन नंबर जनरेट होगा।
नियमित कॉलोनी के लिए एनओसी (No Objection Certificate) प्राप्त करने की प्रक्रिया और उससे संबंधित जानकारी निम्नलिखित है:-
एनओसी की आवश्यकता:-
नियमित कॉलोनी:- नियमित कॉलोनी वह कॉलोनी होती है जिसे संबंधित राज्य सरकार या स्थानीय निकाय द्वारा मान्यता प्राप्त हो और जो सभी नियामक मानकों को पूरा करती हो।
एनओसी:- यह प्रमाण पत्र होता है कि कॉलोनी या प्लॉट पर किसी प्रकार का कोई आपत्ति नहीं है, और इसे विकास या निर्माण के लिए प्रयोग किया जा सकता है। एनओसी विभिन्न कार्यों के लिए आवश्यक हो सकती है, जैसे:-
– संपत्ति का हस्तांतरण
– निर्माण अनुमोदन
– वित्तपोषण या बैंक ऋण के लिए आवेदन
आवेदन पत्र भरें:-
संबंधित नगर योजना विभाग की आधिकारिक वेबसाइट से एनओसी के लिए आवेदन पत्र डाउनलोड करें।
आवेदन पत्र में कॉलोनी का नाम, स्थान, क्षेत्रफल, प्लॉट नंबर, आवेदक का नाम, पता, और अन्य संबंधित जानकारी भरें।
सुनिश्चित करें कि सभी दस्तावेज़ सही और अद्यतित हों।
यदि आपके आवेदन में कोई कमी पाई जाती है, तो उसे सही कर पुनः आवेदन किया जा सकता है।
इस प्रकार, आप नियमित कॉलोनी के लिए एनओसी प्राप्त कर सकते हैं। यह एक महत्वपूर्ण दस्तावेज़ है जो कॉलोनी की वैधता को सुनिश्चित करता है और भविष्य में किसी भी कानूनी या प्रशासनिक समस्याओं से बचाता है।