नवरात्रि 2024 दिन 6 माँ कात्यायनी की कहानी और नवरात्रि का महत्व

नवरात्रि का छठा दिन: देवी पार्वती के इस रूप को कात्यायनी कहा जाता है क्योंकि धार्मिक ग्रंथों के अनुसार इनका जन्म ऋषि कात्या के घर हुआ था।

8 अक्टूबर 2024 को नवरात्रि के छठे दिन लाल रंग का बहुत महत्व है, जब लोग देवी कात्यायनी की पूजा करते हैं। यह चमकीला और भव्य रंग बहुत महत्वपूर्ण है और इस त्यौहार से जुड़े कई महत्व रखता है।

शारदीय नवरात्रि का छठा दिन, माँ कात्यायनी: नौ दिवसीय शारदीय नवरात्रि, जिसे श्राद्ध नवरात्रि के नाम से भी जाना जाता है, पूरे भारत में मनाया जाने वाला एक महत्वपूर्ण हिंदू अवकाश है। यह ग्रेगोरियन कैलेंडर में सितंबर और अक्टूबर के बीच हिंदू चंद्र महीने अश्विन या शरद ऋतु के दौरान आता है।

इस नवरात्रि को महा नवरात्रि भी कहा जाता है और इसे चार नवरात्रियों में सबसे महत्वपूर्ण माना जाता है: माघ (सर्दियों), चैत्र (वसंत), आषाढ़ (मानसून), और शारदीय (शरद ऋतु)।

यह त्योहार देवी दुर्गा के नौ रूपों को समर्पित है, जो 3 अक्टूबर 2024 को शुरू हुआ और 12 अक्टूबर को समाप्त होगा, उसी दिन दशहरा भी होगा।

नवरात्रि 2024 का छठा दिन: पूजा कार्यक्रम और विधि नवरात्रि 2024 का छठा दिन, जो माँ कात्यायनी की आराधना के लिए समर्पित है, 8 अक्टूबर, 2024 को है। द्रिक पंचांग के अनुसार निम्नलिखित शुभ समय हैं: ब्रह्म मुहूर्त: सुबह 04:40–05:29 सुबह 05:05 बजे से 06:19 बजे तक, प्रातः संध्या सुबह 11:46 बजे से दोपहर 12:32 बजे तक अभिजीत मुहूर्त है। दोपहर 02:06 बजे से दोपहर 02:53 बजे तक, विजया मुहूर्त शाम 06:42 बजे से रात 08:25 बजे तक अमृत काल

चार भुजाओं वाली देवी कात्यायनी एक भव्य सिंह पर सवार हैं तथा उनके बाएं हाथ में तलवार और कमल का फूल है, जबकि उनका दाहिना हाथ अभय और वरद मुद्रा में है।